शिमला में, द मॉल रोड एक प्रमुख स्थल है जो खरीदारी के लिए जाना जाता है और यहाँ का प्राकृतिक वातावरण देखने लायक है। मॉल रोड ब्रिटिश शासन के दौरान बना जो द रिज के पास पड़ता है। यहाँ आपको मार्केटिंग से लेकर रेस्टोरेंट और कैफे आसानी से मिल जायेंगे जहां आप अपने परिवार के साथ आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा आप यहाँ पर आसानी से स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले ऊनी कपड़े, मिटटी के बर्तन, लकड़ी के सामान और भी बहुत सारी चीजें आसानी से मिल जाएँगी।
मॉल रोड पर घूमने वाली आकर्षक जगहें
मॉल रोड और इसके आस पास आपको अनेकों खूबसूरत स्थल मिल जायेंगे जो आपकी ख़ुशी को दोगुनी कर सकते हैं। आईये उनमे से कुछ के बारे में जानते हैं।
१- स्कैंडल पॉइंट
जहाँ तरफ से द मॉल रोड और रिज रोड मिलते हैं उस जगह को स्कैंडल पॉइंट कहा जाता है। यदि हिंदी में इसका नाम देखा जाये तो ‘कांड स्थल’ होगा जिसके बारे में कहा जाता है कि यहाँ पर रहने वाले वायसराय की बेटी एक भारतीय महाराजा पटिआला के साथ भाग गयी थी। और इस वजह से महाराजा पटिआला को शिमला आने पर रोक भी लगा दिया गया था। इसके जवाब में महाराजा पटिआला ने अपने लिए पर्वतीय सैरगाह चैल स्थापित किया जो एक खूबसूरत ग्रीष्मकालीन स्थल था और शिमला से महज ४५ किलोमीटर के आस पास पड़ता था।
२- गेयटी थिएटर
यह माल रोड पर स्थित है जहाँ पर कई लोकप्रिय फिल्मी हस्तियों ने मंच प्रदर्शन किया है। आजकल यह थिएटर मुख्य रूप से अपने सामाजिक क्लब के लिए प्रसिद्ध है और इसका उपयोग प्रदर्शन कला के लिए किया जाता है। इस समय इस थिएटर को मूल संरचना के साथ फिर से बनाया गया है ताकि इसे और अधिक आकर्षक बनाकर अपनी मूल विरासत को संरक्षित रखा जा सके।
३- टाउन हॉल
टाउन हॉल को 1908 में स्कॉटिश आर्किटेक्ट जेम्स रंसोम ने निर्मित करवाया था। मॉल रोड पर स्थित यह बिल्डिंग शुरुआत से ही नगर निगम की गतिविधियों का केंद्र रहा है और यहाँ की खूबसूरती में चार चाँद लगाता है। यह भवन आसपास की वास्तुकला को आत्मसात करते हुए यहाँ की खूबसूरती को एक नयी पहचान देता है। भवन की आकर्षक तस्वीर आपको शिमला में माल रोड की लगभग हर तस्वीर में मिल जाएगी।
४- काली बाड़ी मंदिर
द मॉल के पास स्थित काली बाड़ी मंदिर का निर्माण 1845 में कोलकाता से शिमला आए बंगालियों द्वारा किया गया था जो ब्रिटिश अधिकारियों के सेवक के तौर पर काम कर रहे थे। यह मंदिर महाकाली माता को समर्पित है और इस प्राकृतिक स्थान पर आस्था का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि शिमला के जाखू के पास एक प्राचीन मंदिर में देवी महाकाली का अस्तित्व था जिसकी आस्था अभी भी इससे जीवित है। मंदिर में बनी देवी की लकड़ी की प्रतिमा की स्थानीय लोग और बाहर से आने वाले श्रद्धालु पूजा करते हैं।
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